Saturday, May 1, 2010

रुख्सतो का दौर कुछ यूँ शुरू हुआ,
लोग आते गये और करवां बनता गया!
पर फिर भी मेरे जनाजे पर कोई मजमा न लगा,
क्योकि जो मेरे अपने थे उन्हें मैं अपना न लगा!

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